रोजगार.. आंकड़े और सियासी जंग! बेरोजगारी दर पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने, सियासी बयानबाजी से युवाओं का कितना होगा भला?

रायपुरःप्रदेश में इन दिनों रोजगार के आंकड़ों पर सियासी जंग छिड़ा हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस में 3 साल बनाम 15 साल के कार्यकाल पर तीखी बयानबाजी हो रही है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्विटर पर बेरोजगारी दर से जुड़ा एक ऐसा पोस्ट किया, जिसने कांग्रेस को खुश होने का मौका दिया। हालांकि तुरंत बाद रमन सिंह के ऑफिशियल साइट से ट्वीट डिलीट भी कर दिया गया। जिसे लेकर भी सत्ता पक्ष के नेताओँ ने जमकर चुटकी ली। अब सवाल ये है कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ऐसा क्या ट्वीट किया था, जिसे बाद में डिलीट करना पड़ा ? क्या है पूरा मामला.. इस रिपोर्ट के जरिये समझते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के इस ट्वीट को जरा गौर से देखिये..जिसे लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। हालांकि आपको ये ट्वीट अब रमन सिंह के ट्विटर हैंडल पर नहीं दिखेगा, क्योंकि इसे डिलीट कर दिया गया है। अब सवाल ये है कि इसे डिलीट क्यों किया गया। इसका सटीक जवाब तो फिलहाल किसी के पास नहीं है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस नेताओं में बयानबाजी जरूर शुरू हो गई है।

दरअसल इस ट्वीट में बताया गया है कि पिछले 3 साल यानी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी दर लगातार नियंत्रण में है। कोरोना संक्रमण के बाद भी राज्य की स्थिति अच्छी है। इसके पीछे की वजह भी ग्राफिक्स के जरिये बताया गया कि अनुकंपा, पीएससी ,व्यापम, पुलिस, स्वास्थ्य, बिजली, राजस्व और खाद्य विभागों में भर्तियां हुई हैं। इनके अतिरिक्त राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं से भी लोगों को रोजगार मिला है। हालांकि बताया जा रहा है कि ये गलती रमन सिंह के सोशल मीडिया हैंडल करने वाले कंपनी से हुई है, लेकिन रमन सिंह कांग्रेस के निशाने पर आ गए। कांग्रेस नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि रमन सिंह जी आप अपने ट्वीट को डिलीट कर सकते हैं, लेकिन सच्चाई को छुपा नहीं सकते हैं।

दूसरी ओर इस मामले में बीजेपी नेता गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं। हालांकि वो बेरोजगारी को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग जरूर कर रहे हैं। बीजेपी ने दावा किया कि 3 साल में कई परीक्षाएं हुई है जिसकी नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है। राज्य सरकार के आंकड़े पूरी तरह गलत है। पिछले दिनों CMIE यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी नामक एक संगठन ने देश के सभी राज्यों में बेरोजगारी दर का आंकड़ा जारी किया। जिसमें छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है। आंकड़े को लेकर विपक्ष पिछले कई दिनों से राज्य सरकार पर हमलावर है। इसकी बानगी उस वक्त भी नजर आई..जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेडियोवार्ता में बीते 3 साल में 5 लाख युवाओं को नौकरी मिलने की बात कही। जिसके बाद कांग्रेस सरकार के 3 साल बनाम बीजेपी सरकार के 15 साल के कार्यकाल पर राजनीति भी चरम पर है। अब सवाल ये है कि इस सियासी रसाकशी और आरोप-प्रत्यारोप से प्रदेश के युवाओं का कितना भला होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button